मेरी कुछ इच्छाएं अधूरी ही रहें — यही मेरी इच्छा है

इंसान का स्वभाव है कि वह लगातार कुछ न कुछ पाने की चाह रखता है। हम जीवन में लक्ष्य बनाते हैं, उन्हें पाने के लिए मेहनत करते हैं, और जब वह लक्ष्य समय से पहले ही पूरा हो जाता है, तो एक अजीब-सी खालीपन की भावना पैदा होती है। जो सफर तय करना था 50 दिनों में, वह 20 दिनों में ही खत्म हो जाता है, और बाकी बचे दिन बेमानी लगने लगते हैं।

यही वजह है कि कुछ इच्छाएं अधूरी रहना ही बेहतर होता है। ऐसा नहीं कि उन्हें पाने की कोशिश न की जाए, परंतु उनका अधूरा रहना ही हमें उनके लिए जीवित बनाए रखता है। वे अधूरी इच्छाएं हमारी सोच, हमारी कल्पनाओं और हमारी भावनाओं का हिस्सा बन जाती हैं। हम उन्हें चाहते रहते हैं, बिना यह जाने कि वास्तव में अगर वह पूरी हो भी जाएं, तो क्या हम वैसी ही खुशी महसूस करेंगे, जैसी हमने कल्पना की थी?

पूरी हो जाने वाली इच्छाएं अक्सर अपना आकर्षण खो देती हैं

जब कोई ख्वाहिश पूरी हो जाती है, तो उसके साथ एक तरह की समाप्ति जुड़ जाती है। कुछ समय तक संतोष रहता है, लेकिन फिर वह भावनाएं फीकी पड़ने लगती हैं। कभी-कभी, जब हम किसी चीज़ को बहुत शिद्दत से चाहते हैं और वह मिल जाती है, तो हम पाते हैं कि वह वैसी नहीं थी जैसी हमने सोच रखी थी। और तब दिल में एक कसक रह जाती है — “क्या यही था जिसे मैं इतना चाहता था?”

चाहत में जो दर्द है, वही तो जीवन है

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कोई इंसान या कोई सपना, जिसे हम बहुत प्यार करते हैं, वो हमें कभी न मिले — या फिर मिले ही नहीं, क्योंकि अगर वो मिला तो शायद हम टूट जाएं। उस चाहत में जो अधूरापन है, वो ही उसकी खूबसूरती है। अधूरी मोहब्बतें, अधूरे ख्वाब, अधूरी उम्मीदें — यही तो इंसान को इंसान बनाती हैं। यही भावनाएं हमें गहराई देती हैं, सोचने पर मजबूर करती हैं, और हमारे अंदर की संवेदनशीलता को जीवित रखती हैं।

कभी-कभी अधूरी इच्छाएं ही सबसे ज़्यादा पूरी लगती हैं

हो सकता है कि कुछ चीज़ें अगर मिल जातीं, तो हम उनकी कदर न कर पाते। हमें वह एहसास ही न होता जो आज है। जो मिला नहीं, वही हमें लगातार बेहतर बनने के लिए प्रेरित करता है। वही अधूरा सपना हमें रोज़ सुबह उठने की वजह देता है, और उसी की वजह से हमारी आत्मा जिंदा महसूस करती है।


निष्कर्ष

हर ख्वाहिश पूरी हो, यह ज़रूरी नहीं। कुछ ख्वाहिशों का अधूरा रहना ही बेहतर होता है, क्योंकि वही हमें इंसान बनाए रखती हैं। जो अधूरा है, वह हमें पूरा रखता है। और जो हमेशा चाहा गया हो, पर कभी पाया न गया हो — वही सबसे कीमती होता है।

इसलिए, अगर आपकी कुछ इच्छाएं अधूरी हैं, तो उन्हें यूं ही रहने दीजिए। उन्हें पाने की दौड़ में मत लगिए। उन्हें चाहने का सुख ही काफी है।

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